कवि अभिषेक योगी
कवि अभिषेक योगी
ओजस्वी युवा कवि भरतपुर
राजस्थानी वीरों की लेकर के ज्वाला बैठा हूँ ,
फौलादी साँसों में लेकर अमर उजाला बैठा हूँ
बैठा हूँ प्राणों से प्यारी भारत माँ की गोदी में,
मैं योगी हूँ लेकर शत्रु की मुंडमाला बैठा हूँ॥
हिन्दुस्तानी वीरों का तो ये इतिहास पुराना है
रक्त सनी इस धरा को अब ये पूजे नया ज़माना है,
आज सुनाता हूँ शब्दों से सैन्य-शहादत भारत की
शत्रु को हम छलनी कर दें ऐसी आदत भारत की॥