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Rajeev Thepra

Inspirational

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Rajeev Thepra

Inspirational

बहुत चकित हो जाता हूँ मैं

बहुत चकित हो जाता हूँ मैं

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चकित हो जाता हूँ मैं अक्सर 

बहुत सारी बातें होती हैं चकित करने को

नदियों को देखकर चकित होता हूँ मैं 

बहुत सारे पशु पक्षी भी चकित करते हैं मुझे 

अक्सर उनकी आँखों में आँखें डालता हूँ

तो बहुत चकित हो जाता हूँ 

समंदर तो खैर चकित करता ही रहा है मुझे 

और सबसे ज्यादा चकित तो

मेरे सर पर फैला हुआ 

यह विशाल आसमां करता है 

जंगलों में जाकर तो कभी 

पहाड़ों पर जाकर भी बहुत चकित हुआ हूँ मैं 

यूँ तो बच्चे भी अक्सर चकित कर देते हैं मुझे 

और बड़ों की बहुत सारी बातें भी 

अकस्मात चकित-सी कर देती हैं

अनजान लोग भी कभी-कभी चकित कर देते हैं 

और बहुत बार तो शब्द भी चकित करते हैं 

वे शब्द, जो अपनी पूरी आत्मा के साथ

मेरे सम्मुख उपस्थित होते हैं 

और कभी-कभी तो ऐसे शब्द भी

बहुत ज्यादा चकित करते हैं 

जिनमें एक निश्चल स्त्री मुस्कुराती हुई 

और हँसती हुई पाई जाती है 

वह स्त्री जो न जाने कब से 

हँसना और मुस्कुराना भूल चुकी है 

चकित होने के लिए बहुत सारा कुछ होता है ना ??

बस हम चकित होना ही भूल गए हैं !!

है ना ??


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