ख़ाली ज़ाम
ख़ाली ज़ाम
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होश आया है अभी तो ज़ाम खाली हो गया,
आज ये साक़ी हमारा कैसा वाली हो गया।
खींच लाइ हैं जहां की गर्दिशें इस मोड पर,
चलते चलते देखो अपना मन ख़्याली हो गया।
कुर्बतों की सब उम्मीदें दूरीयों में बंट गइ,
उसने छोडा साथ जबसे दिल सवाली हो गया।
हमने सींचा जिस चमन का कोना कोना ख़ून से ,
उस चमन का माली आज कोई और हो गया।
आज अपना हाल देखो किस कदर मगमुम है,
दौर वो आया के सब नजरे जवाली हो गया।
कितनी मेहनत से सजाया उसने मासूम दर नया,
दरबदर की ठोकरें खाता वो आली हो गया।