जीना इसी का नाम है
जीना इसी का नाम है
कांटों के बीच रह कर
देखो फूल कैसे मुस्कुराता है
अपने दुःख, अपनी चुभन को
हम से वो छुपाता है
खिलखिलाता हुआ सब को
नज़र वो आता है
कांटों की चुभन को
हँसते-हँसते झेल जाता है
प्यार का नज़राना बन
ज़िन्दगी भर साथ निभाता है
प्यार के तीन शब्दों को
अपने में वो समाता है
खुद कांटों में रह कर
हम को सीख वो दे जाता है
अपने बदन को छलनी कर
दूसरों पे मल्हम लगाता है
शाम के ढलते-ढलते
यही फ़साना दोहराता है
“फूल का दिल भी छलनी है
हँसता चेहरा एक बहाना लगता है”
बन प्यार का नज़राना
हज़ारों खुशियाँ वो दे जाता है|