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Manu Sweta

Romance

5.0  

Manu Sweta

Romance

दिल की धड़कन

दिल की धड़कन

1 min
335


तेरे शहर ने हमको जीने न दिया

मेरी मोहब्बत ने हमे मरने न दिया।


ज़ख्म न जाने कितने अपनो न दिए

दिल की धड़कन ने उन्हें भूलने न दिया।


मैं हरसूं ढूंढती रही जिस रहनुमा को

पास होकर भी उसे जाने क्यों दिया।


दिल की धड़कन बस उसे पुकारा करती है

वक़्त ने न जाने ये खेल होने क्यों दिया।


चाहकर भी उसको बुला नहीं सकती

किसी और के साथ उसे जाने क्यों दिया।


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