खतरनाक समय में
खतरनाक समय में
ऐसे समय में जब
सोचना
सबसे बड़ा जुर्म है
और उससे भी
बड़ा जुर्म है
बोलना
तब सोचो
तुम्हारा क्या होगा
जबकि तुम
सोचते भी हो
और बोलते भी हो।
ऐसे समय में जब
सोचना
सबसे बड़ा जुर्म है
और उससे भी
बड़ा जुर्म है
बोलना
तब सोचो
तुम्हारा क्या होगा
जबकि तुम
सोचते भी हो
और बोलते भी हो।