Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

Sonam Kewat

Comedy

1.0  

Sonam Kewat

Comedy

मेजबान और मेहमान

मेजबान और मेहमान

1 min
1.4K


जो घर कभी कभी आए वो है मेहमान

मेहमानों का स्वागत करने वाला है मेजबान

जो खुश नसीब होता है उनके घर तो ये

बस कभी कभी भूल कर ही आते हैं।

पर जो बदनसीब होता है उनके घर तो ये,

हर आये दिन ही चले आते हैं।


घर की घंटी बजी मेजबान ने दरवाजा खोला

कैसे हैं आप जनाब ऐसा मेहमान ने बोला।

हाल अब तक अच्छा था पर आगे कौन जाने

लगता है फिर आए हैं ये दावत खाने

आ जाए एक बार फिर जाने का नाम ना लेते

रूकने को कह दिया तो कई दिनों की पनाह लेते।


जो ढेर सारी भेंट लाए वो मेहमान सच्चा होता है

रोकने पर भी ना रुके वो वाकई अच्छा होता है

ऐसा मेहमान खुदा बार बार मेजबान तक आए

खाली हाथ भले ही जाए पर खाली हाथ ना आए।


पूछों भला मेजबान के सर में कितना दर्द होता है

अगर घर आया मेहमान बड़ा खुदगर्ज होता है।

अरे मेजबान पढ़ रहे हो तो दिल पे ना लेना

आ रहें हो मेहमान बनकर तो भेंट जरूर देना।


ये कविता तो सभी को हँसाने के लिए है,

मेहमान कैसा हमें भाए ये बताने के लिए हैं।

कुछ ना मिले तो बहाना नहीं लिफाफा ही लाना,

अगर आप ऐसे मेहमान है तो मेरे घर जरूर आना।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Comedy