देश का गौरव
देश का गौरव
एक पिता का गुरूर है वो,
अपनी मॉं के दिल का टुकड़ा है वो।
बहन का मार्गदर्शक है वो,
भाई का सच्चा दोस्त है वो।
अॉंखों में नमी लिए खड़ी है जीवनसंगिनी,
बच्चों की मुस्कुराहट में भर दी थी उसकी ज़िंदगी।
भुलाकर सारे रिश्ते नाते जाता है वो,
भारत मॉं पर जान निछावर करता है वो।
तन से निडरता झलकती है उसके,
मन में प्रेम और करुणा है उसके।
सीमा की रक्षा में चलते रहे उसके कदम,
देश सेवा में सर्व रखें अपना मस्तक नमन।
दिलेरी की सही मिसाल है वो,
गर्व है जिस पर वह देश का लाल है वो ।