इरादे
इरादे
जब इरादे हों नेक
तो सवार दे जीवन अनेक।
जब शुक्राना हो मिज़ाज
संभव हो जाता है हर काज़।
हो जाता है हर उलझन का नाश
बन जाती है किस्मत बुलंद।
करने लगते हैं हम
तक़दीर पर नाज़।
जब इरादे हों नेक
तो सवार दे जीवन अनेक।
जब शुक्राना हो मिज़ाज
संभव हो जाता है हर काज़।
हो जाता है हर उलझन का नाश
बन जाती है किस्मत बुलंद।
करने लगते हैं हम
तक़दीर पर नाज़।