बन के नसीब तू आ गया
बन के नसीब तू आ गया
बनके नसीब तू आ गया
हर दर्द को तू मिटा गया
बाँटी हँसी हर पल तूने
मुझे ज़िन्दगी से मिला गया
तेरे संग मैंने ख़ुशियों को करीब से देखा है
तूने थामा हाथ, लगा इस जहाँ में कोई मेरा है
ख़ुशी का एहसास तुझसे, तू सावन मेरा है
ए दोस्त शुक्रिया, तेरी दोस्ती नसीब मेरा है
वो छेड़ना तेरा हँसी चेहरे पे मेरे ले आता है
तन्हाई में तेरी याद का आँसू भी आ जाता है
जेब की कड़की हो या जश्न की बात हो
जन्मदिन पर की लातों की बरसात हो
सब तुझसे कहे सारे जो अनकहे जज़्बात हो
मेरी जीत में तू शरीक़ न हो तो जीत वो किस बात की
तेरे बिना कैसे सुबह हो, ग़म भरी हर रात की
तू है संग तो हसीं, यह जहां मेरा है
ए दोस्त शुक्रिया, तेरी दोस्ती नसीब मेरा है
पास होने पर, वो तेरी मस्ती की शोखियाँ
लड़की से बातें करने पर तेरी वो अठखेलियाँ
रात भर एक साथ पढने की वो याद हो
या चाय के घूँट जो रात जग के पिए साथ हो
याद आती है तेरी, वो बेमतलब की गालियाँ
मेरे सूनेपन में तेरी, घुसपैठ, वो तेरी तालियाँ
अब अकेला खाने में, मज़ा कहाँ वो आता है
तेरा साथ ही, मुझे आराम पहुँचाता है
क्या करूँगा उस कामयाबी का, जिसमें संग मेरे तू न हो
तेरा हौसला ही, तो जूनून बनता मेरा है
ए दोस्त शुक्रिया, तेरी दोस्ती नसीब मेरा है