यादें
यादें
एक याद तेरी ने पन्ना खोला
एक याद मेरी ने स्याही ली
कुछ यादें तेरी थी
मीठी-मीठी
कुछ यादें मेरी थी
सौंधी सी, अलसाई सी
ओ राँझा (प्रिय)
एक अलमारी खाली रखना
तेरे मेरे विरह ने
आंसू भर-भर कर
आँखों में
लिखी है
किताबें हजार
तेरे विरह ने
मुझे
पागल किया है
आज मैंने खड्डी ( कपड़ा बुनने की मशीन ) पर
चढ़ा दी हैं सारी यादें
बुनने के लिये
प्यार से भीगे शब्दों का
शाल
मुझे जरुरत है
तेरे प्यार की गर्मी की।