प्रेम अनंता
प्रेम अनंता
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जब तुमसे प्रेम करना चाहता
दुनिया से डरता था
अब तुमसे प्यार करने लगा हूँ तो
दुनिया डरने लगी है
मैं बस इस दुनिया से इतना कहना चाहता हूँ
ये चूहे- बिल्ली की तरह से डरने- डराने का खेल छोड़ो
मैं बस प्रेम करना चाहता हूँ
प्रेम में इस दुनिया को जीना चाहता हूँ
फिर यह पहरे, बंदिशें क्यों ?
बेड़ियाँ खोलो मुझे उन्मुक्त उड़ने दो
इस अनंत का कोई तो छोर होगा ?
कटे पंखों के बावजूद
तुम्हारे प्रेम में अंतत: उसी अनंत तक पहुँचना है।