अब नज़र में सनम
अब नज़र में सनम
अब नज़र में सनम तेरी तस्वीर है
कैसी यादों की दिल में भी जंजीर है
लिख रहा हूँ तेरी याद में मैं गज़ल
दिल है तन्हा उदासी की तहरीर है
मांगता था खुदा से तेरा साथ मैं
तुम मिले ना मुझे कैसी तकदीर है
फलसफा जिंदगी में उलझता गया
कब रिहाई मिली कैसी तदबीर है
आसमान से ज़मीन तक तेरा नाम है
हर सफर में सनम तेरी तस्वीर है
सच कहा तुमने मुझसे मेरी तुम नही
ये कहानी शहर भर मे मशहूर है
क्यों दिवाना ज़माना मुझे कह दिया
बेवफाई मोहब्बत का दस्तुर है ।।