सिर्फ़ सुन लो...
सिर्फ़ सुन लो...
बस मैं जो भी कहूँ उसे सिर्फ़ सुन लो
ना दो कोई मशवरा
सही हूँ या ग़लत
मेरा दर्द की कोई
दवा ना हो चाहे।
पास तुम्हारे
मुझे बस पूछ कर
मेरे दर्द का
अहसास तो लो
मेरी अनदेखी बंदिशें
चाहे ना तोड़ो
मेरी टूटी ख़्वाहिशें
चाहे ना जोड़ो।
मेरे अधूरे ख़्वाबों
का ताना बाना बस
मुझे बुनने ने तो दो
मेरे भरे दिल को
थोड़ा छलकने तो दो।
कुछ देर के लिए सही
कानों के प्याले
चाहे गिरवी ही दो
बस मैं जो भी कहूँ
उसे सिर्फ़ सुन लो।।