बहुत मज़ा
बहुत मज़ा
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आओ बूंदों
आकर मेरी क्यारी में हल चलाओ
बहुत मज़ा आएगा ।
बहुत मज़ा आएगा
जब छूते हुए फसलों को
निकल जाएगी हवा
इधर से उधर।
ऒर फसलें
बिलकुल हम बच्चों सी
खिलखिलाकर
लोटपोट हो जाएंगी।