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Vandna Yadav

Others

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Vandna Yadav

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ख्वाहिशें

ख्वाहिशें

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ख्वाहिश है कि इस पल को यहीं थाम लूँ

इन गुज़रते हुए बादलों पर सवार मैं भी उड़ चलूँ

ख्वाहिश है कि इस हवा की तरह आज़ाद हो जाऊँ

 

इन पंछियों के जैसे अपनी मंज़िल खुद बनाऊँ

कभी एक अनजान रास्ते पर किसी अपने से मिल जाऊँ

 

तो कभी किसी पहचाने मोड़ पर एक अजनबी से टकराऊँ

ख्वाहिश है कि किसी सफ़र पर तन्हा चला जाऊँ

 

और चलते चलते एक हमसफ़र बनाऊँ

कुछ अनकही बातें उस खास से कह जाऊँ

 

या ख्वाहिशों को बुनते इस मन को अनसुना कर जाऊँ।

 


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