ठीकरा
ठीकरा
सफलताएँ आपकी उपलब्धि है,
तो असफलताएँ
दूसरों पर ठिकड़ा क्यूँ ?
ऐ चंदा, जो रूठ के तुम
बादल में छिप जाओगे
ठिकड़ा रुसवाइयों का
हालात पे मढ़ जाएगा।
शायरों ने लिख दिया
"खौफ" काली रात को
सुबह फिर सूरज उगेगा
रोशनी दे जाएगा।
लाख कोसो उनको जो
जाहिल है आपके चश्म में
गौर से देखो तो सही
उनमें हुनर दिख जाएगा
रोज कहता हूँ वहाँ
ना जाइये गिर जायेंगे।
जाइये गिर जाइये,
इक तजुर्बा ही हो जाएगा।
ख़ाक में मिलना तो तय है
राजा हो या हो रंक
मुख़्तसर होगा तभी
जो राहबर बन जाएगा।
रोज कहता हूँ वहाँ
ना जाइये गिर जाएंगे
ठिकड़ा रुसवाइयों का
हालात पे मढ़ जाएगा।