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Pooja Garg

Crime Inspirational Others

2.5  

Pooja Garg

Crime Inspirational Others

क्योंकि मैं एक लड़की हूँ?

क्योंकि मैं एक लड़की हूँ?

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माँ, उस रात जब तूने पापा को बताया

तेरी झोली अब भरने वाली है

पूरे घर में थी खुशियों की लहर

जैसे कि आज ही होली और दिवाली है

 

जो तू कुछ खाती मेरा पेट भर जाता

जो तू मुस्कुराती ये दिल खुश हो जाता

तू आजकल रखती है अपना बहुत ही ख्याल

आखिर ये है मेरी सेहत का सवाल

 

लेकिन अब, मैं तेरी आँखों में खटकती हूँ

बिना पैदा हुए भी पल पल मरती हूँ

एक अनजाने से खौफ से ड़रती हूँ

क्यों माँ? क्योंकि मैं एक लड़की हूँ?

 

पहले तो तूने वरदान के रूप में मुझे अपनाया

फिर क्यों मुझे अब एक श्राप सोचती है

जिसके दिल में थी सिर्फ दुआऐं मेरे लिए

वही माँ क्यों अब दिन रात कोसती है

 

पैदा होने से भी पहले मैं मार दी जाऊँगी

आखिर मैने किसी का क्या बिगाड़ा है

मैं तो वो नन्ही सी जान हूँ कोख़ में

जिसके माँ बाप तक ने उसे ठुकराया है

 

अभी तो मैं इस दुनिया में आई नहीं

फिर क्यों मैं किसी को भायी नहीं

मुझसे इतनी नफरत की वजह क्या है

एक लड़की होने की क्यों मिली मुझे सज़ा है

 

यह ज़िंदगी तो उस ऊपरवाले ने मुझे दी थी

पर मुझे ज़िंदा किसी ने रहने ना दिया

गैरो से तो क्या शिकायत करूँ मैं

जब मेरे अपनों ने ही मुझे मरवा दिया

 

ना माँ की लोरी मिली, ना बाप का प्यार

एक अनदेखी दुनिया में कहीँ खो गई

अब तो सब जी भरके ख़ुशी मनालो

मैं हमेशा के लिए गहरी नींद में सो गई

 

उस नींद में भी मुझे एक बात सताती है

ना जिस्म है ना रूह है फिर क्यों तड़पाती है -

 

कृष्णा की बनाई इस दुनिया में कोई गोपी क्यों नही चाहता

मुझे उसी का आर्शीवाद समझ कोई क्यों नही अपनाता

तेरी बनाई इस दुनिया में आने के लिए लड़ती हूँ

क्यों भगवान? क्योंकि मैं एक लड़की हूँ?


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