पहले सा वो समय नहीं
पहले सा वो समय नहीं
प्यारा-सा परिवार था मेरा
सुख-शांति से भरा हुआ।
मिलजु़ल कर सब रहते थे
झगड़ा कभी ना करते थे।
एक मुसीबत में पड़ जाये
साथ खडे़ सब रहते थे।
खूब समय था सबके पास
एक साथ सब खाते-खेलते थे।
ऐसा लगाव था एक-दूजे से
लोग देख-देख जलते थे।
अब, आज समय वो आया है
सब शोहरत के पीछे भागे हैं।
घर के हिस्से दस हुए हैं
सब एक-दूजे से दूर हुए हैं।
मिलने की तो बात कहाँ
कोई किसी को पूछता नहीं।
पहले सा वो समय नहीं,
अब पहले सा वो समय नहीं।