Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

Megha Kalra

Others

4.8  

Megha Kalra

Others

आज फिर फीकी ये दिवाली है

आज फिर फीकी ये दिवाली है

1 min
13.9K


उलझे हैं दिल के तार आज फिर
खुदा ने फिर इन आँखों में नमी डाली है 
रूखी सी है ये जिंदगी
आज फिर फीकी ये दिवाली है

दीयों की लौ जलती बुझती है 
अँधेरा छाया आज इस घर में
जो सूना सूना सा....कुछ खाली खाली है
आज फिर एक बार फीकी ये दिवाली है

एक दिया मैंने जलाया तेरे नाम का
एक तारा इस अमावास की रात याद आया
जिसे फिर कभी याद न करने की कसम खा ली है
न जाने क्यूँ ये दिल कहता है 
कि फीकी सी यह दिवाली है

इस शोर में भी सन्नाटा है
जो चीख के यह कह जाता है
कि मेज़ पे इस बार दो कुर्सियां खाली है
आज फिर फीकी यह दिवाली है

एक गुडिया तारों में ढूंढे
माँ की छवि और एक गुड्डे
ने कोने में छुपायी हुई
नाना की छड़ी ढूँढ निकाली है
बचपन की उनकी यह पहली फीकी दिवाली है

रूखी सी है यह जिंदगी 
आज फिर फीकी यह दिवाली है


Rate this content
Log in