ममतामयी माँ
ममतामयी माँ
माँ को
तड़पता
सिसकता
कराहता देख
मन विचलित
हो जाता है
आँखो मे आंसू नही
मन तड़प जाता है
मां के ज़िन्दगी के
अंतिम पडाव का
ये हाल देखा
नहीं जाता है
दर्द दिल का
सहा नही जाता है
अन्न जल मोह
माया सभी तो
त्याग दिया है
सांसो ने जैसे
फिर से जकड़
लिया है
मृत्यु के ऐसे
अन्त ने मन को
झकझोरा है
इस समय न
कोई तेरा है
न मेरा है
धन न दौलत
पति न बेटा
रिश्ते न नाते
डाक्टर न दवा
कोई भी कुछ
कर पाने मे
असमर्थ असहाय
निरूतर हो गये है
वाह रे ईश्वर !
वाह रे जीवन का अन्त
वह विहंगम दृष्य देख
जैसे सभी सो गये है
जिस मां ने
पाल पोसकर
इतना समर्थ
साहसी बनाया
उस माँ को
इस हाल मे देख
कुछ नही कर पाया
अपने आपको असमर्थ
असहाय पाया
जिस माँ को
सौ वर्ष जीने की
दुआ माँगता था
उस माँ का अन्त
सौ मिनिट देखना
मुश्किल था
हे ईश्वर अब तो
इस करूणामयी
माँ का दुख
हरण कर लीजिये
हफ्तो से तड़पती
ममतामयी माँ का
अन्त कीजिए
और हमेशा के लिये
इस तड़पती
जिन्दगी से
मुक्ति दीजिए