संकल्प
संकल्प
सुकोमल ख्वाबों से सुसज्जित रास्तें।
लहर-दर-लहर बहती जिंदगी के वास्ते।।
अर्ज़ है,
दिल में भक्ति,मन में शक्ति, चेहरे पर नूर।
रहे हम सब तीनों तापों से बहुत दूर।।
सच के साथ रहकर सच का ही साथ दूँ।
दान-क्षमादान के संकल्प को जागृत करूँ।।
बन अर्षद पाक इरादों को मुकम्मल रुप दूँ।
आरूष बन काली स्याही को पोंछ दूँ।।
कोहिनूर बन जीवन को प्रकाश- पुँज दूँ।।
बन रहबर इस जहाँ को सँवार दूँ।।
रंगरेज़ बन नए जहाँ का सृजन करूँ।।
गाती हुई हवाओं में जगाऊँ जागृति की आरजू़।।
बल, बुध्दि, विध्या को एकाकार करूँ।
जितेंद्रिय बन ग्यानियों में अग्रगण्य बनूँ।।
इन ख्वाबों से रुबरू होने का वचन लूँ।
जन्नत बने ये जहाँ ऐसा प्रण लूँ।।