दृढ़ निश्चय
दृढ़ निश्चय
तू चाहे या न चाहे
सूरज का उदय तो
रोज़ होगा
तू चाहे या न चाहे
चाँद अपनी रौशनी
ज़रूर बिखेरेगा
तू चाहे या न चाहे
बारिश की बूँदें सारा
जग चूमेंगी
तू चाहे या न चाहे
ये नदिया तो बहती रहेगी
तू चाहे या न चाहे
मिट्टी अपनी महक
बिखेरती रहेगी
तू चाहे या न चाहे
ये पृथ्वी तो गोल ही घूमेगी
ऐ इंसान, तू दृढ़ निश्चय तो कर
एक दिन यह दुनिया तेरे
भी राग गाएगी
किसी के कहने से रुक मत,
झुक मत
यही एक दिन तुझे तेरी मंज़िल
तक पहुँचाएगी