संभल जाये
संभल जाये
मुक़द्दर दिल सँवर जाए
अगर क़िस्मत नज़र अाए
रहेगा राब्ता क़ायम
नज़र तुमसे जो मिल जाए
मोहब्बत मैं करूं तुमसे
मेरा हमदम तू बन जाए
शिकायत छोड़ दूँ मैं भी
अगर दिल दिल से मिल जाए
बसा लूँ रूह मे तुझको
इरादा दिल संवर जाए
कभी मै मस्त हो जाऊँँ
हसीन लम्हा तू बन जाए
भूला दूँ दिल से गम सारे
खुशी मेरी तू बन जाए
खुदाया ज़िंदगी से अब
सभी काँटा निकल जाए
वो साथी उम्र भर का है
क़यामत तक सफर जाए...।