Anuj Pareek
Drama
मैं चाय भी पीता हूँ
मैं कॉफी भी पीता हूँ
मेरा इश्क़ सिर्फ कैफ़िन है।
प्रेम की सार्...
अमीर घर की औल...
सबसे खतरनाक ह...
थामना चाहता ह...
समझ क्यों नही...
इंसान
Kuch Tum Kaho...
यादों की गिरफ़...
मिला ही नहीं
खुशियों का सौ...
हजार उलझनों को छोड़ किसी छोर को थाम लेते हैं। हजार उलझनों को छोड़ किसी छोर को थाम लेते हैं।
कैसे मुंह दिखाऊँगी जब दोगे घूँघट उघारी कैसे मुंह दिखाऊँगी जब दोगे घूँघट उघारी
क्योंकि कुछ बातें अनकही ही सही है। क्योंकि कुछ बातें अनकही ही सही है।
वो ही उसकी अर्धांगिनी और आदर्श स्त्री कहलाती है। वो ही उसकी अर्धांगिनी और आदर्श स्त्री कहलाती है।
छोड़ आऊँ चांद सितारा सिंदूर पहनो मेरे नाम को। छोड़ आऊँ चांद सितारा सिंदूर पहनो मेरे नाम को।
मासी नहीं माँ थी वो, मेरे दिल की धड़कन थी, जो मेरे दिल में रहती है। मासी नहीं माँ थी वो, मेरे दिल की धड़कन थी, जो मेरे दिल में रहती है।
जो दूसरों को सम्मान देते हैं वही सम्मान पाते हैं ! जो दूसरों को सम्मान देते हैं वही सम्मान पाते हैं !
चलो गायें कोई प्यारा सा गीत माँ के सुर में। चलो गायें कोई प्यारा सा गीत माँ के सुर में।
आँसू हृदय में छिपाते देख रही हूँ। बेटे की आँखों में सपने देख रही हूँ। आँसू हृदय में छिपाते देख रही हूँ। बेटे की आँखों में सपने देख रही हूँ।
सचमुच हम कहीं और भटक जाएंगे। सचमुच हम कहीं और भटक जाएंगे।
गरीब आदमी कब तक भूखा रहने वाला है आपको केवल समझने वाला ऊपर वाला है। गरीब आदमी कब तक भूखा रहने वाला है आपको केवल समझने वाला ऊपर वाला है।
हर कदम ही मंगल उत्सव, हर कदम में शाश्वत जीवन। हर कदम ही मंगल उत्सव, हर कदम में शाश्वत जीवन।
मेरे शरीर के हर बाल पर, पापों का एक झाड़ लगा है। मेरे शरीर के हर बाल पर, पापों का एक झाड़ लगा है।
हर कोई हो रहा है लालम-लाल खिल रहे हैं सभी के गाल। हर कोई हो रहा है लालम-लाल खिल रहे हैं सभी के गाल।
ओढ़नी उड़ावेलु त पवन पुरवईया झंकोर मारे। ओढ़नी उड़ावेलु त पवन पुरवईया झंकोर मारे।
आज खुद से दूर हो जाने का जी चाहता है। आज खुद से दूर हो जाने का जी चाहता है।
सैलाब आते-आते थम गया, बिजली चमकी, बादलों में खो गई ! सैलाब आते-आते थम गया, बिजली चमकी, बादलों में खो गई !
तलाश है तो हर किसी को है पर वह तलाश खत्म नहीं होती। तलाश है तो हर किसी को है पर वह तलाश खत्म नहीं होती।
बहुत हो लिए आबाद अब बर्बाद होना है ! बहुत हो लिए आबाद अब बर्बाद होना है !
ज़िंदगी में कुछ ऐसे रमने लगे हैं कुछ हम उनमें कुछ वो हममें रहने लगे हैं ज़िंदगी में कुछ ऐसे रमने लगे हैं कुछ हम उनमें कुछ वो हममें रहने लगे हैं