दर्द
दर्द
मेरा दिल दुखाने का बेशक
तुम्हारा इरादा नहीं होगा।
मगर जब तक ना तड़पोगी खुद
मेरे दर्द का अंदाज़ा नहीं होगा।
कोई तुम सी शोख नहीं कहीं
कोई मुझ सा सादा नहीं होगा
खामोश से लब और बेकरार दिल
कोई मुझ से ज़्यादा नहीं होगा,
जब तक ना तड़पोगी खुद
मेरे दर्द का अंदाज़ा नहीं होगा।
फासले तुम्हें भी रुलाते होंगे
बीते सुहाने पल याद आते होंगे
कैसा भी हो जुदाई का असर
पर मुझसे ज़्यादा नहीं होगा।