होली पर क्या लिखूँ?
होली पर क्या लिखूँ?
इस मिलन के पर्व पर क्या लिखूँ?
प्रेम कहाँ है,कहाँ है भाईचारा ।
बस स्वार्थ में खोया है जग सारा ।।
जीवन में खुशियों के रंग कहाँ है ।
अब तो नीरस और दहशत भरा है जहाँ ।।
इस उल्लास के पर्व पर क्या लिखूँ?
सब बनावटी हँसी लिऐ रंग खेलेंगे ।
गम को मिटाने फिर जाम पेलेंगे ।।
सोचा है कभी खुश है तो पीता क्यों है ।
हर दम मरता इन्सान जीता क्यों है ।।
इस मिठास के पर्व पर क्या लिखूँ?
सुख बाँटो प्रेम बाँटो सबसे मिलना
जीवन मे कड़वाहट भरी तो क्या बाँटे ।
हर रंग है जीवन में सुख दुख का
कोई फीका कोई गाढ़ा हर किसी को छाँटे ।।
इस रंग भरे पर्व पर क्या लिखूँ?
हर संदेश से भरा है यह त्यौहार ।
भूल कर सब कुछ एक होना है हर बार ।।
बाँट लो खुशी छोड़ दो सब जंग ।
भर दो जीवन में रंग प्यार के संग ।।
..आप सबको मुबारक ये त्यौहार
आइये मिलजुल करे सबसे प्यार