अपना सूरज
अपना सूरज
ऐ मछुआरे
अपना जाल दे मुझे,
मिलता है आकाश जहां
समंदर से
और डूबता है सूरज जहां
फैला दूंगा जाल वहां
और डूबने नहीं दूंगा
अपने सूरज को।
ऐ मछुआरे
अपना जाल दे मुझे,
मिलता है आकाश जहां
समंदर से
और डूबता है सूरज जहां
फैला दूंगा जाल वहां
और डूबने नहीं दूंगा
अपने सूरज को।