अहसास - ए - मुहब्बत
अहसास - ए - मुहब्बत
अपने दिल पे मेरा इख़्तियार नहीं
कैसे कह दूँ कि तुमसे प्यार नहीं
जब तलक देख न लूं सूरत तेरी
इस नादान दिल को क़रार नहीं !
दुश्वार हो गया है जीना तेरे बग़ैर
तेरे सिवा मेरा कोई ग़म - गुसार नहीं
तुम साथ हो तो ख़िज़ाँ भी बहार है
वरना ये बहार भी बहार नहीं !
दिल में तुम हो
तो दिल ये ज़िंदा है,
अपनी धड़कन पे
ऐतबार नहीं !