हम तो है प्रेमी
हम तो है प्रेमी
ना हम दौलत के प्रेमी
ना हम शोहरत के प्रेमी
मुझको जो मिला है जीवन में
वही है मेरे जीवन का सच्चा प्रेमी
ना हम घरों के आग है
ना हम नफरतों के अंगारे
ना हममें द्वेष-पाखण्ड है
हम तो देश के अखंड है
हम जीते है दूसरों के ख़ुशी के लिए
हम मरते है मातृभूमि के जौहर के लिए
हम तो सच्चे गंगा माँ के सपूत है
जो सागर से भी गहरे प्रेम रखते है
ना हममें ढूंढे कोई कमी
हम तो कबीर और सूफी के वंशज है
मीरा के जैसे बावरे प्रेम के रक्षक है
ना हम कुरुक्षेत्र के कंस है
हम तो रणक्षेत्र के वंश है
ना हम शकुनी मामा है
हम तो सिर्फ चन्दा मामा है