कभी जो बात हो उससे
कभी जो बात हो उससे
कभी जो बात हो उससे
तो जाकर कह देना उसको,
सदा ही मुस्कुराये वो,
यही बस दुआ है मेरी ।
कभी मुलाकात हो उससे,
खिलते गुलाब देना उसे,
ज़िन्दगी हसीं तुम्हारी हो,
यही बस दुआ है मेरी ।
कभी रोती दिख जाए तो,
सीने लगा लेना उसे,
ये आँँसू बस मेरे हिस्से हो,
यही बस दुआ है मेरी ।
कभी मेरे बारे पूछे तो,
हूँ बेहतर मैं कह देना उसे,
फिक्र न मेरी उसको हो,
यही बस दुआ है मेरी ।
कभी जो याद करे मुझे,
“वो कौन” पूछ लेना उससे,
ज़िक्र न मेरा करे वो,
यही बस दुआ है मेरी ।
कभी मुझसे मिलना चाहे तो,
कहना पलकों को ढक कर उससे,
दिलों में शायद ज़िंदा हो,
यही बस...
कभी जो बात हो उससे...!