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Kanchan Prabha

Action Classics Children

4.6  

Kanchan Prabha

Action Classics Children

भारत की है बात निराली

भारत की है बात निराली

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भारत की है बात निराली 

खेतों में छायी हारियाली


रंग बिरंगे फूल खिले हैं 

प्रेम सूधा में दिल मिले हैं 


नदियाँ बहती छम छम छम 

आओ मिल कर नाचे हम


पेड़ों के पत्ते मुस्काए

पँछी सुर में गाना गाये


सूरज अपनी आँख दिखाता

सबको छाया ओर भगाता 


चन्दा जब आकाश मेें आता

शीतल काया साथ मेें लाता


जंगल में जब नाचे मोर

वर्षा मचाए टप टप शोर


सिर पर डाले मटका रानी

लचक लचक कर भरती पानी


बागों में भँवरे की गुंजन 

महके मधुवन आम के मंजर


तितली रानी पंख फैलाकर 

उड़ कर बैठी छत पर जाकर 


धरती पर यूँ आता बहार

जब भी आता कोई त्योहार


दुशमन समझो एक इशारा 

देश हमारा जान से प्यारा।


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