माँ
माँ
यह है दुनिया के सच्चे बोल
माँ - बच्चे का रिश्ता है अनमोल
ना है इसमे शब्दों का तोल-मोल
ना ही है इसमें कड़वे-खट्टे बोल
माँ बच्चे का रिश्ता है अनमोल,
बिन कहे सुने ही सब समझ जाती
दिन- रात काम करने में न कतराती
सब मुश्किलों को आसान करती जाती
हस्ती-खिलखिलाती बच्चों का दिल बहलाती,
बच्चों के लिए माँ अन्नपूर्णा कहलाती
ईंट-पथर की इमारत को घर बनाती
बच्चों को अच्छा- बुरा सिखाती
किसी भी हद तक गुज़र जाती
तभी तो वह माँ कहलाती,
यह जीवन है माँ की देन
सफ़ल जो बनाना हो जीवन
सुबह शाम तुम उनको नमन करना
सार्थक हो जाएगा जीवन तुम्हारा
दूर हो जाएगा अंधियारा
जहाँ ईश्वर नही पहुँच पाते वहाँ पहुँचती है माँ!