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Rajkumar Kumbhaj

Others

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Rajkumar Kumbhaj

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मेरा यक़ीन , मेरी ज़मीन भी

मेरा यक़ीन , मेरी ज़मीन भी

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मेरा यक़ीन , मेरी ज़मीन भी

जितना ज्यादा चाहता हूँ मैं

उससे कहीं अधिक ज़्यादा ही

चटखती है वह मेरे जीवन में

वह आग ही है और मेरा यक़ीन भी

और मेरे जीवन की ज़मीन भी .

 


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