मरते दम तक नहीं छोडूंगा
मरते दम तक नहीं छोडूंगा
मैं मानता हूं तुम्हें मेरे कुछ बातों पर,
होता कभी भी ऐतबार नहीं।
मुझ में बहुत सी कमी है पर,
कोई कमी मेरे प्यार में नहीं।
मैं मानता हूं कि बात करते-करते,
तुम्हें बिना बताये सो जाता हूं।
तुम भी समझने की कोशिश करो,
मैं काम से थक घर पर आता हूं।
तुम जो कहती हो सब सुनता हूं
मगर कभी कुछ भी कहता नहीं।
तुम दिखातीं हो प्यार अपना पर,
हमसे शायद ये सब होता नहीं।
तुम ही सोचो सारे नखरे तुम्हारे हैं,
फिर भी मैं ये सब सह रहा हूं।
प्यार है मुझे तुमसे इसीलिए तो,
यह सारी बातें तुमसे कह रहा हूं।
यूं ना कहो कि मुझे प्यार नहीं,
ऐसा सुनकर अच्छा नहीं लगता।
तुम नहीं जानती कि तुम्हारे बिना,
सच भी कभी सच्चा नहीं लगता।
चलो छोड़ो अब यूँ रूठना छोड़ो,
आखिर में मैं तो यहीं बोलूंगा।
अरे, पगली प्यार है मुझे तुझसे,
तुझे मरते दम तक नहीं छोडूंगा।