सुनो
सुनो
प्यार में होना
प्यार में बसना
प्यार में खोना
आसान होता है क्या?
इसे शब्दों में ढाल कर
मैं किसी को सुना पाऊँ
यह आसान काम तो नहीं?
बता पाऊँ कि हाँ
हूँ मैं पूरी तरह डूबी हुई
तुम्हारे प्यार में
यह सम्भव है क्या?
बता पाना प्यार में होने को
यानि अपने में
अपने से
सबसे करीब होना
छू कर बस
एहसासों में
सासों में
ज्यों भर लेना
प्यार में ऐसी क्या बात है
कि ज़िन्दगी देखे न
दिन है कि रात
सुनो.....
महफूज़ होती हूँ
जब तुम साथ चलो
सबको दिखकर भी
न दिखती हूँ मैं
जब धीरे से तुम
पलकों को बंद करके
उनमें छुपा लेते हो मुझे
मुझे नहीं याद रहता कुछ भी
रास्ते,चौराहे,टीले,पोखर
सुनो......
कोई नक़्शा मुझे याद नहीं रखना
ऊँगली पकड़ कर
चुप तुम्हारे साथ चलना है
जब तुम्हें लगे कुछ ग़लत बच्ची सी छुपा लेना मुझे
अपने पीछे एकांत में
बिना स्पर्श किये
तुम्हें छुपाती हूँ मैं भी
मन के तहखा़ने में
खू़ब जतन से सहेज कर
सुनो.....
तुम हौले से कुंडी खोल कर
मेरे मन कोठर में
आसन लगाते हो न?
गर्म तपती साँसों की रेत से
मेरे माथे पर तुम
कुछ रखते हो न?
भीतर तक सनसनाहट को महसूस करती हूँ मैं
मुझे ताकतवर बनने की चाह नहीं है
जीवन भर टूटती ही रही हूँ
अंदर-अंदर
मेरी इच्छा बस इतनी
बिखर जाऊँ रेत सी
मुझे पानी बनना है
तुम्हारे प्रेम में
वाष्प बनना है
पिघल जाना है
या जम जाना है
यह तुम पर है।