पीड़ा
पीड़ा
पिस गया मनुज,
अपनी ही,
त्रासदी में।
वह खड़ा मौन,
असहाय निर्बल,
टूट गया सम्बल।
हार गया वह,
जीवन हुआ,
निरूपाय।
पीड़ा का,
"अंजलि" द्वीप,
ही शेष रहा।
पिस गया मनुज,
अपनी ही,
त्रासदी में।
वह खड़ा मौन,
असहाय निर्बल,
टूट गया सम्बल।
हार गया वह,
जीवन हुआ,
निरूपाय।
पीड़ा का,
"अंजलि" द्वीप,
ही शेष रहा।