हमारे बच्चे
हमारे बच्चे
माँ-बाप के सपने,
होते हैं बच्चे,
देश के भविष्य,
होते हैं बच्चे।
हम क्या देते हैं इन्हें,
ज़रा अपने दिल से तो पूछो
जब भी वक्त मिले,
बैठकर सोचो !
हमारे आंगन की ख़ुशियाँ,
है ये बच्चे,
हमारा कल और आज,
की पहचान है बच्चे।
यह धन दौलत यूहीं धरे रह जायेंगे;
जिन्हें हम नज़रअंदाज़,
करते हैं वही काम आयेंगे।
आज हमने ना वक्त दिया,
तो कल, हम कहाँ से पायेंगे ?
जब बच्चे हमसे दूर हो जायेंगे,
तो ये समय ही हमें याद आयेंगे !