सफर रहा।
सफर रहा।
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युं तो सदा ही साथ मेरा हम सफर रहा,
फिर भी हमारे हालसे वो बे खबर रहा।
उसने नजर चुराके फिर देखा नहीं इधर,
दिल को हमारे गम ये ही उमर भर रहा।
मन मे दबा है याद का सिलसिला बड़ा ,
आहो फुगां का वलवला भी बे असर रहा,
न छांव दे सका ना सहारा बना कभी,
चलती हवा मे हीलता खड़ा जो शजर रहा।
अपने नसीब से भी हमें लड़ना पड़ा सदा,
हम मे बला का हौसला यारों मगर रहा।
मासूम जहां में जो भी मिला अजनबी मिला,
तनहाइयों की जद में हमारा सफर रहा।