कभी उसे बताना मत
कभी उसे बताना मत
कभी उसे बताना मत
की मैं उसे बेपनाह मोहब्बत करता हूँ,
वरना वो मेरे दिल को जलाने लगेगी !
मेरे छोटे से ज़ख्म पर बाद में लाखों
मरहम लगाने लगेगी,
कभी उसे बताना मत !
उसकी नाराज़गी मुझे चैन से सोने नहीं देगी,
उसकी तकलीफें मुझे मेरा होने नहीं देगी,
वो रूठ के बैठेगी तनहा किसी कोने में
मुझे भी सुकून से रोने नहीं देगी,
उसके लिए तड़पता हैं मेरा दिल,
ऐ मेरे खुदा
कभी उसे बताना मत !
वो जानती है
अच्छी तरह पहचानती है,
की उसके बिना मेरा जीना
दूभर हो जायेगा,
फिर भी मेरे दिल को जलाती है वो !
मुझे मुझसे ज्यादा याद आती है वो,
कितनी भी हो दूरियाँ
ऐ मेरे मौला
कभी उसे बताना मत !