संघर्ष
संघर्ष
मेरे जीत के किस्से जो सुने है तुमने
मेरी हार को भी झांक लो
जो मुकुट सर पे है बंधा
उसके दर्द को पहचान लो
ये जीत न थी आसान
जितनी मीठी ये दिख रही
खोया सब कुछ इस एक चाह में
आत्मा मेरी रो रही
ये भीड़ जो गाये दिव्य गान
ये साथ न थी मेरे
रोके रस्ता थी अड़ी
मेरी जीत के बीच थी ये खड़ी
मेरी साख रखी जो दांव पर
लहू जो बिखरा राहों पर
कंकड़ से बिछे थे कई
कांटे भी चुभते है कई
उस लहू को न ये देखती
ये जीत आसान इतनी थी नही
मैने खोया है सब कुछ यहाँ
पाने को कुछ नया
जो देखे हो शान ये
है बस नया पैगाम ये
एक चाह पूरी होती है
कई आस जब टूटे है
एक जीत पाने के लिए,
कई हार साथ होती है !