बहुत जी लिया
बहुत जी लिया
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बहुत जी लिया मैं ,
इश्क़ मोहब्बत दर्द में ,
लिखते लिखते थक गया ,
पर कमी नहीं पाई चाहत में ।
कलम हो रही अब प्यासी ,
कुछ ख़ास लिखने को ,
दुनिया भर के जज़्बात लिखने को ,
शब्दों को एक मार्ग देने को ।
------- रमन शर्मा हिमाचली ।