भूले नहीं हम
भूले नहीं हम
तेरी मेरी दोस्ती का दिन
भूले नहीं हम कभी
रिश्ता तुझसे जोड़ा था
एक नया बन्धन बन गया था।
जाने कितने इम्तहान लिए तूने हमारे
जाने कितना सताया तूने हमको
एक पल भी दूर ना रहते थे हमसे
जाने कितने नए ख्वाब दिखाए तूने।
मेरा दिल मेरी जान बन गया तू
जाने कितने सवाल करते थे
जाने कितने जवाब मांगते थे
थोड़े से थे हम ज़िदी।
पर तेरी ज़िद की तो हद हो गयी
हमको भी ज़िदी बना दिया
देकर हमको कई धोखे
हमको शायर बना दिया तुमने।
प्रेरणा भी तुम्हीं हो हमारी
दोस्त भी दुश्मन भी हो
जाने तुम क्या क्या हो
जाने तुम क्या क्या हो।।