हादसा
हादसा
सड़क पे चलिए
मगर जरा फासला
बना कर चलिए
भीड़ रास्ता दे या ना दे
खुद ना भिड़ जाए
जरा फासला
बना कर चलिए।
जिन घोंसलों को
सुबह छोड़ा है
चंद तिनकों के लिए,
उन परिंदों की घर
वापसी के लिए
भीड़ की होड़ से
जरा फासला
बना कर चलिए।
कीमती वक़्त है तो
उसकी नजाकत समझें
दो घड़ी पहले चलें
वक्त से पहले,
ठौर तक पहुँचे
हादसों से कुछ इस तरहा
फासला बना कर चलिए।
आप कहते हैं
जिसे नियति,
कहीं वो आदत तो नहीं
रोज भूल जाना,
गिर जाना
देर करना,
फिर पिछड़ जाना
हारने को दावत तो नहीं।
अगर यह सही है तो
इन आदतों से जरा
फासला बना कर चलिए।
बहुत मुमकिन है
हालात पर काबू पाना
पहले खुद पे, आदतों पे
जरा काबू पा लें।
वो जो रोज देहरी पे
आपकी बाँट जोहते हैं
उनकी खातिर
हादसों से जरा फासला
बना कर चलिए।