तमाशा मेरे आगे
तमाशा मेरे आगे
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दुनिया की नौटंकी रो, प्रगति का ढोंग- मेरे आगे
नारी पढ़े-बढ़े ,चूल्हा घिसे,मॉडर्नता हंगामा- मेरे आगे
नेता मस्त,गरीब हुऐ पस्त, विकासे दौर - मेरे आगे
सेब सस्ता, महँगी दाल, किसान बदनाम - मेरे आगे
भोगी-योगी,योगी-भोगी,बने,अध्यात्म शिखर-मेरे आगे
बदलेगा? या बदला? जमाना, है असमंजस- मेरे आगे
रोये-बुझे दिल,चीखे आत्मा, हँसती अमीरी - मेरे आगे
दूध न बीके, दारु ढूँढते लोग, मतिभ्रम हालात-मेरे आगे
थका! बैठे-बैठे,दौड़े कैसे? असहाय इंसान- मेरे आगे
हो चुका, बहुत! घुटे दम, दमघोटू संसार –मेरे आगे