परायी बेटियाँ
परायी बेटियाँ
लाड़ प्यार से जाई बेटियाँ
क्यों होती हैं परायी बेटियाँ?
बचपन के खेल खिलौने
मीठी बातों की लड़ियाँ
छोड़ जाती हैं आँगन में बेटियाँ
क्यों होती हैं परायी बेटियाँ
भाईओं की कलाइयों मे राखी
बहनों की बाँहों में प्यार
दादा दादी के गले का हार
होती हैं बेटियाँ
क्यों होती है परायी बेटियाँ?
माँ की आँखों में पानी
पिता की सूनी ज़िंदगानी कर जाती हैं बेटियाँ
क्यों होती हैं परायी बेटियाँ?
त्यौहार की ख़ुशी, सखियों की हँसी
घर की रौनक
सब ले जाती हैं बेटियाँ
क्यों होती हैं परायी बेटियाँ ?
खुदा ने बख्शा ही है ऐसा हुनर
तभी तो अपनाया है दो दो घर
इसलिए तो जाती है दूजे घर
दो घरों को संवारती है बेटियाँ
इसी वजह से हो जाती है
परायी बेटियाँ...
रेवा