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Dr Javaid Tahir

Inspirational

2.0  

Dr Javaid Tahir

Inspirational

इंसान

इंसान

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न खयाल हूँ, न ही ख्व़ाब हूँ,

न फरिशतों का, अरमान हूँ,

मुझे लव्ज़-ब-लव्ज़ ढूँढना,

मैं ख़ुदा का हरफ़े-बयान हूँ ।


मेरी लौ को कम न समझ नसीम,

मैं शहरे-अमन, चिराग हूँ,

मुझे कोई हसरते-ख़ला नहीं,

मैं जन्नतों का हक़दार हूँ ।


मेरी दुआएँ गिरफ़त में नूरे ख़ुदा,

मेरी जि़द से दीदारे कुददूस भी,

मुझे बारिशे-मैं की तलब नहीं,

मैं फ़क़ीरी में अफ़रोज़ हूँ ।


मेरी आँख को भिगो भी दे,

मेरे दिल पे ज़ख़म डाल दे,

मैं मिलूँगा फिर वहीं तुझे,

मैं होंसलौं पे सवार हूँ ।


मेरी क़लम में आतिशे-उरूज है,

मेरी दीद कोहिनूर है,

अब दीये को हवा का डर नहीं,

मैं रोशनी का सलार हूँ ।


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