आई कैसी अब घड़ी है
आई कैसी अब घड़ी है
भ्रष्टाचार की जुड़ी कड़ी है,
एक दूसरे पर तोहमत मढ़ी है।
कौन लाएगा जादू की छड़ी है,
जनता हक के लिए लड़ी है।
ये आई कैसी अब घड़ी है,
करिश्मे के इंतज़ार में जनता खड़ी है।
बहुमत क्या होगा इस बार,
तय करने की मुश्किल बड़ी है।
भ्रष्टाचार की जुड़ी कड़ी है,
एक दूसरे पर तोहमत मढ़ी है।
कौन लाएगा जादू की छड़ी है,
जनता हक के लिए लड़ी है।
ये आई कैसी अब घड़ी है,
करिश्मे के इंतज़ार में जनता खड़ी है।
बहुमत क्या होगा इस बार,
तय करने की मुश्किल बड़ी है।