TRIAL BY FIRE
TRIAL BY FIRE
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रावण से भी बुरे कर्म
कहलाना चाहो राम ,
युगों युगों से सीता पर
लगाते आये इलज़ाम !
कहते हैं शक का इलाज तो
न जाना लुकमान ,
फिर मांगी अग्नि परीक्षा
निष्ठुर तुम शैतान !!
इससे पहिले कि तुम पर
उंगली उठाये सीता ,
उस बेचारी को ही
तुम कह देते हो पतिता !
देखा तुमने आज की सीता
अग्नि - कुण्ड हो आयी,
अंतर्मन में झाँक रही
अब तो जागो भाई !
अब इक्कीसवी सदी है
ओ कलियुगी राम ,
देख देख कर कर्म तुम्हारे
रावण भी हैरान !
सही समय है ओ दीवानों
अब तो होश में आओ ,
कभी किसी भी सीता पर
यूँ उंगली न उठाओ !!