जिंदगी
जिंदगी
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जिंदगी दो पल की,
इस ओर से उस ओर तक।
इस छोर से उस छोर तक,
आह से वाह तक।
इकरार और प्यार तक,
प्यार और तकरार तक।
आँखों से दिल तक,
दिल से दर्द तक।
खुद की जिंदगी तो खुद की होती नहीं,
उगते सूरज और ढलते शाम तक।
खूबसूरत एहसास तक,
यादो के झरोखो तक।
झांकती झिलमिलाती,
करती आँख मिचौली।
दुःख से सुख तक।
चल रही मेरी आखिरी साँस तक,
हमसे होकर बस आप तक।
बेजुबां लव्ज तक,
इन खामोश धड़कनो तक।
बचपन से लेकर यौवन तक,
यौवन से बुढ़ापा तक।
उम्र के आखिरी पड़ाव तक,
काश से आश तक।
फिर भी है ठहरी,
तेरे मेरे विश्वास तक।
जिंदगी दो पल की।